20/20 विजन
बहुत से लोगों का मानना है कि यदि उनकी दृष्टि 20/20 है तो उनकी दृष्टि सही है। यह सच नहीं है। 20/20 एक तुलना भर है। 20/20 दृष्टि की एक आंख 20 फीट की दूरी पर वही वस्तु देख सकती है जिसे एक सामान्य आंख 20 फीट दूर पर देख सकती है। कुछ लोग उससे भी बेहतर देख सकते हैं। वे 20 फीट की दूरी पर वह भी देख सकते हैं जिसे सामान्य आंख केवल 15 फीट की दूरी पर देख सकती है। यह 20/15 दृष्टि है। इस लेख में 20/20 दृष्टि के बारे में और जानेंगे।
सामान्य या औसत दृष्टि वाले व्यक्ति को 20/20 माना जाता है। इसका अर्थ है वह आंख के चार्ट से 20 फीट की दूरी पर क्या देख सकता है। यदि आपकी दृष्टि 20/25 है तो इसका अर्थ है कि जब आप 20 फीट की दूरी पर खड़े हैं तो आप वह देख सकते हैं जो आप चार्ट से 20 फीट दूरी पर खड़े हों। दूसरे शब्दों में यदि 20/20 दृष्टि का व्यक्ति चार्ट से 25 फीट की दूरी पर खड़ा हो तथा आप चार्ट से केवल 20 फीट की दूरी पर खड़े हों तो दोनों को एक सी वस्तुएं दिखनी चाहिएं। इसी प्रकार यदि आपकी दृष्टि 20/40 हो तो इसका अर्थ यह है कि यदि आप चार्ट से 20 फीट की दूरी पर खड़े होकर वही वस्तुएं देख सकते हैं जो 20/20 दृष्टि का व्यक्ति चार्ट से 40 फीट की दूरी से देख सकता है। (साथ का चित्र देखें)। अमेरिका में 20/200 की दृष्टि कानूनी रूप से अंधता की सीमा रेखा है।
विजुअल एक्युटी
इसका अर्थ है न्यूतम विस्तार का वह छोटे से छोटा कोण जिसे देखा जा सकता है। इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है तथा इसका उपयोग कुछ लाइसेन्स जारी करने वाले अधिकारियों तथा कुछ व्यवसायों की योग्यता मानकों के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए 20/20 सामान्य रूप से पायलेट के लाइसेन्स के लिए तथा 20/40 ड्राइवर के लाइसेन्स के लिए किया जाता है। 20/80 का उपयोग विशेष शैक्षणिक सहायता आदि के लिए किया जा सकता है।
आंख की कार्यप्रणाली
आपकी आंख में ऐसी कई सारी संरचनाएं हैं जो आपके द्वारा देखे जा रहे प्रतिबिम्बिों को बनाने के लिए उत्तरदायी होती हैं। जब प्रकाश आपकी आंख में प्रवेश करता है तो कार्निया तथा लेन्स इसे झुका देते हैं ताकि प्रकाश किरणें रेटिना पर प्रतिबिम्ब बना सकें। रेटिना इसकी सूचना मस्तिष्क को देती है तथा इससे आप प्रतिबिम्बों को देख सकते हैं। रेटिना का केन्द्रीय बिन्दु फेविया सबसे तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब बनाता है। जब सारी प्रकाश किरणें रेटिना पर केन्द्रित होती हैं तो आपको देखे जाने वाली वाली वस्तु का सबसे तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब मिलता है। लेकिन जब प्रकाश रेटिना के सामने केन्द्रित होता है तो आपके द्वारा देखे जाने वाला प्रतिबिम्ब धुंधला होता है। आपकी पास की या दूर की नजर कमजोर है यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रतिबिम्ब कहां पर बनता है। सामान्य आंख में प्रकाश रेटिना पर फोकस होता है।
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