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यग लेजर कैप्सुलोटामी क्या है?

सफेद मोतिया के आपरेशन के बाद (आई.ओ.एल. के साथ या बिना) ‘पोस्टीरियर कैप्सूल’ जिसे छुआ नहीं गया था, कुछ महीनों या सालों के बाद, धुंधला होने लगता है। जब यह होता है तो नजर फिर से धुंधली होने लगती है जैसे कि सफेद मोतिया फिर से होने लगा है। इस दशा को सफेद मोतिया के बाद की दशा कहते हैं तथा यह काफी सामान्य है। आपरेशन के बाद यह किसी भी समय 60-70 प्रतिशत रोगियों में हो जाता है। साफ दृष्टि के लिए कैप्सूल के केन्द्र में एक छोटा सा छेद करना पड़ता है। यह दो विधियों से किया जा सकता है: आपरेटिव विधि तथा लेजर विधि। लेजर विधि अधिक बेहतर है क्योंकि यह तेज है, दर्द रहित है तथा इसमें इंजेक्शनों तथा टिकियों की कोई आवश्यकता नहीं होती तथा आप अपनी पूरी दृष्टि के साथ तुरंत घर जा सकते हैं। उपयोग किए गए लेजर को यग लेजर कहते हैं तथा इस विधि को ‘कैप्सुलोटामी’ कहते हैं। यह लेजर इस अस्पताल में उपलब्ध है तथा इसका उपयोग उस हर समय किया जा सकता है जब इसकी आवश्यकता हो।

आपरेशन की तैयारी

जब यह निर्णय ले लिया गया कि आपकी आंखों का आपरेशन किया जाएगा तब लगाए जाने वाले आई.ओ.एल. की ठीक ठीक पावर मापने के लिए कुछ विशेष जांचें की जाएंगी। आपको आंख में डालने के लिए कुछ दवाएं दी लिखी जाएंगी ताकि आपकी आंखें किसी भी प्रकार के संक्रमण से मुक्त हो सकें। आपको आपरेशन की तारीख तथा आपरेशन से पूर्व के दिशा निर्देश लेने होंगे। आपको दिए गए समय पर अस्पताल आना होगा तथा जब आप आएंगे आपको एक कमरा दिया जाएगा। आपके साथ केवल दो संबंधियों को रहने की आज्ञा दी जाएगी। बच्चों को आज्ञा नहीं दी जाएगी।

अस्पताल में भर्ती

अस्पताल में भर्ती की कोई आवश्यकता नहीं है तथा आपरेशन को बाह्य रोगी विभाग के आधार पर किया जा सकता है। जिनके पास यातायात का अपना साधन है तथा स्थानीय वासी हैं आपरेशन के तीन घंटों के बाद घर जा सकते हैं। संलग्न शौचालय के साथ कमरा सभी को दिया जाता है। लेकिन आपको अगली सुबह आ कर अपनी आंखों की जांच करानी होती है तथा दवाइयों आदि के बारे में सलाह लेनी होती है। जो जाने तथा अगली सुबह आने में असुविधा महसूस करते हों उन्हें रात में रुकने के लिए कमरा दिया जाता है।

आपरेशन

आपरेशन स्थानीय निश्चेतकों के अंर्तगत किया जाता है तथा आपरेशन के दौरान रोगी पूरी तरह होश में रहता है। आपरेशन में लगभग एक घंटे का समय लगता है। आपरेशन के दौरान कोई दर्द नहीं होता है।

आपरेशन के बाद की देख-रेख

आपरेशन के तत्काल बाद रोगी को बिस्तर में कुछ घंटों तक आराम करना चाहिए। यदि आवश्यकता हो तो रोगी शौचालय जा सकता है।

अस्पताल छोड़ते समय आपरेशन के बाद के कुछ निर्देश दिए जाएंगे। घर पंहुचने के बाद इनका पालन करना होगा।

रोगी को समय समय पर जांच के लिए बुलाया जाता है तथा तारीखें छोड़ने के समय दी जाती हें। ई.सी.सी.ई. (आई.ओ.एल. के साथ या बिना) के मामले में पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में 6-8 हफ्ते लगते हैं तथा फाको इमल्सीफिकेशन के मामले में 2-3 हफ्ते लगते हैं। इस अवधि के बाद अंतिम चश्मा दिया जाता है।

यह बहुत सामान्य है कि आपरेशन के बाद विशेष रूप से ई.सी.सी.ई. समूह (फाको में नहीं) के चश्में की पावर 4-6 महीनों में बदल जाए तथा तब रोगी को चश्मे की जांच के लिए दुबारा आना पड़ सकता है।

जटिलताएं

देख-रेख, प्रवीणता तथा अत्याधुनिक उपकरणों के बावजूद किसी भी आपरेशन में जटिलताएं होने की संभावना रहती है। सौभाग्यवश जटिलताएं कम होती हैं तथा जब वे होती हैं उनसे इस प्रकार से निपटा जा सकता है कि वे अंतिम परिणामों को प्रभावित न करें। लेकिन संक्रमण, हैमरेज तथा रेटिनल डिटैचमेंट हो सकते हैं तथा ये दृष्टि में स्थाई ह्रास कर सकती हैं। यह आवश्यक है कि आपका इन संभावनाओं के बारे में पता रहे।

आपरेशन के लिए सहमति

आपरेशन के दिन आपको एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे। इसका अर्थ है कि आपने अपनी जांच, अपने आप पर होने वाले आपरेशन तथा जटिलताओं की संभावनाओं को समझ लिया है। यदि आप नहीं समझ पाए हैं तो अपने डाक्टर से अपनी शंकाओं के निवारण के लिए पूछें।

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