फ्लोटर्स एवं फ्लैश
फ्लोटर्स क्या हैं?
आपने कई बार किसी सादी पृष्ठभूमि जैसे कि दीवार या नीले आसमान की ओर देखते हुए देखा होगा। वास्तव में फ्लोटर्स जेल या विट्रियस के अंदर की कोशिकाओं के छोटे छोटे टुकड़े हैं। विट्रियस जेली की तरह का द्रव होता है जो आपकी आंखों में भरा होता है। हांलाकि यह लगता है कि ये वस्तुएं आपकी आंखों के सामने हैं परंतु वास्तव में ये आंख के अंदर तैर रहे होते हैं। आप जो देखते हैं वे आपकी रेटिना, लो कि आपकी आंखों के पिछले हिस्से की परत होती है तथा जो प्रकाश की संवेदना से आपको देखने में सहायक होती है, पर पड़ने वाली छाया होती हैं। फ्लोटर्स के विभिन्न आकार होते हैं: छोटे बिन्दु, वृत्त, लाइनें, बादल या जाले के रूप में हो सकते हैं।
फ्लोटर्स किन से होते हैं?
जब लोग मध्य आयु वर्ग में पंहुचते हैं तो विट्रियस जेल गाढ़ा होने लगता है या सिकुड़ने लगता है और यह आंख के अंदर गुल्ठियां या धागे बना देता है। विट्रियस जेल आंख की पिछली दीवार से खिसकने लगता है और अलग हो जाता है। यह फ्लोटर्स का एक सामान्य कारण है। यह उन लोगों में अधिक होता है जिनमें
- मायोपिया होती है
- मोतिया का आपरेशन हो चुका है
- आंख का यग लेजर आपरेशन हो चुका है
- आंख के अंदर जलन हो रही है
फ्लोटर्स विशेष रूप से यदि अचानक विकसित हो गए हों तो खतरे की घंटी हो सकते हैं। आपको तुरंत नेत्र विशेषज्ञ (खास तौर पर रेटिना विशेषज्ञ) को तत्काल दिखाना चाहिए, यदि आपकी आंख में नए फ्लोटर्स विकसित हो गए हों और आपकी आयु 45 वर्ष से अधिक हो।
क्या फ्लोटर्स कभी गंभीर होते हैं?
यदि विट्रियस जेल आंख की दीवार से अलग होता है तो रेटिना फट सकती है। इससे आंख में कभी कभी खून का रिसाव हो सकता है जो कि नए फ्लोटर्स के रूप में प्रकट हो सकते हैं। फटी हुई रेटिना सदैव एक गंभीर समस्या होती है, क्योंकि इससे रेटिनल डिटैचमेंट को सकता है। आपको अपने नेत्र विशेषज्ञ के पास शीघ्रातिशीघ्र मिलना चाहिए यदि:
- कई सारे नए फ्लोटर्स एकाएक प्रकट हो जाएं
- आपको अचानक रोशनी दिखने लगे
यदि आपको अन्य लक्षण, जैसे कि किनारे की नजर का ह्रास, दिखाई दें तो आपको अपने नेत्र विशेषज्ञ के पास तत्काल जाना चाहिए।
फ्लोटर्स के बारे में क्या किया जा सकता है?
फ्लोटर्स साफ दिखने में बाधक हो सकते हैं जो कि काफी परेशान करने वाला हो सकता है, खास तौर पर तब जब आप पढ़ने का प्रयास कर रहे हों। आप अपनी आंखों को हिलाने का प्रयत्न कर सकते हैं, और ऊपर नीचे देख कर फ्लोटर्स को हटाने का प्रयास कर सकते हैं। फ्लोटर्स पर फोकस करने का प्रयास न करें। हांलाकि फ्लोटर्स आपकी दृष्टि में रह सकते हैं, इनमें से अधिकांश समय के साथ हल्के पड़ जाएंगे और कम समस्याप्रद रह जाएंगे। यदि आपके वर्षों से कुछ फ्लोटर्स हैं, तब भी आपको आंखों की जांच तत्काल करानी चाहिए यदि आपको नए दिखें।
फ्लैश
चमकता हुआ प्रकाश किससे होता है?
आपने इसकी अनुभूति तब की होगी जब आपको आंखों में चोट लगी होगी और आपको ‘तारे’ दिखे होंगे। जब विट्रियस सिकुड़ता है, यह रेटिना से अलग होता है और इससे चमकते हुए प्रकाश की अनुभूति होती है। प्रकाश की चकाचौंध कभी कभी कई हफ्तों या महीनों तक हो सकती है। जैसे जैसे हमारी आयु बढ़ती है फ्लैश का अनुभव बढ़ता जाता है। यदि आपको अचानक प्रकाश की चकाचौंध दिखाई दे तो आपको तत्काल नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि कहीं रेटिना फट तो नहीं गई।
माइग्रेन
कुछ लोगों को प्रकाश की ऐसी चौंध का अनुभव होता है कि वे दोनों आंखों में 10-20 मिनट चलने वाली ऊष्मा की तरंगों की तरह होती हैं। इस प्रकार की चौंध मस्तिष्क में रक्त वाहनियों में रक्त के प्रवाह के कारण होती है तथा इसे माइग्रेन कहते हैं। यदि चौंध के बाद सरदर्द होता है, इसे माइग्रेन सरदर्द कहते हैं। लेकिन यह जानना आवश्यक है कि ऊष्मा की तरंगें बिना सरदर्द के भी हो सकती हैं। इस मामले में चमकते प्रकाश को आंखों का माइग्रेन या सरदर्द के बिना माइग्रेन कहते हैं।
आपकी आंखों की जांच किस प्रकार की जाती है?
जब नेत्र विशेषज्ञ आपकी आंखों की जांच करता है तो आपकी पुतलियों को दवा से फैला दिया जाता है। इस दर्द रहित परीक्षण में आपका नेत्र विशेषज्ञ आपकी रेटिना तथा विट्रियस को ध्यान से देखता है। जैसे जैसे हमारी आयु बढ़ती है फ्लोटर्स एवं फ्लैश अधिक होने लगते हैं। हांलाकि सभी फ्लोटर्स एवं फ्लैश गंभीर नहीं होते हें आपको अपनी आंख नेत्र विशेषज्ञ को ही दिखानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपकी रेटिना को कोई नुकसान नहीं पंहुचा है।
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