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यह साधारणतय: उपलब्ध, काफी वर्षो से इस्तेमाल किए जा रहे पहली पीढ़ी के लेन्सेस है। यह लेन्स स्फेरिकल होते हैं तथा इनकी दृष्टि कार्य, दृष्टी से परिधि के यानी बाहर की ओर होता है। इसलिए कम प्रकाश तथा चौड़ी पुतली में मरीज को कम कन्ट्रास्ट तथा छाया (इमेज) भी स्पष्ट रूप से नहीं दिखता।

नए ए-स्फेरिकल इन्ट्राआकुलर लेन्सेस (एबेरेशन-फ्री अथवा एबेरेशन-न्यूट्रल)

यह अत्याधुनिक दूसरी पीढ़ी के लेन्सेस आज कल उपलब्ध है, जिनमें पूरे दृष्टि एरिया में बराबर का पावर होता है, जिससे लेंस की पूरी परिधि में साफ एवं स्पष्ट दिखता है। अत: यह लेन्स आज कल दूर दृष्टि को पूर्ण अवस्था में पहुँचाने के लिये सबसे उत्तम एवं पहली पसंद माने जाते है। यह नवीन अत्याधुनिक आई.ओ.एल. वेब फ्रान्ट टेक्नोलाजी द्वारा दृष्टि क्षमता एवं दृष्टि कार्य को बढ़ने के लिए बनाए गए है।

एस्फोरिक आई.ओ.एल. कन्ट्रास्ट सूक्ष्म चेतना तथा दृष्टी को बढ़ाता है, जिससे रात में दृष्टि बढ़ती है तथा चमक कम हो जाती है। यह कन्ट्रान्स्ट सूक्ष्म चेतना जो बुढ़ापे में कम हो जाती है, इस लेंस के प्रत्यारोपण द्वारा पुन: बढ़ जाती है तथा मरीज को उत्तम दृष्टि प्राप्त होती है।

ऐक्रीलिक इंजेक्टेबल, चौकोर किनारे-दार एवं ”एबेरेशन”-न्यूट्रल आप्टिक टेक्नोलोजी

यह तीसरी पीढ़ी के लेंस एस्फेरिक और सुपरफ्लेक्स एस्फेरिक आई.ओ.एल. टेक्नोलोजी प्लेटफार्म पर बनाये जाते हैं। इनमें चौकोर किनारे होते है जो पोस्टेरियर कैप्सूल में झिल्ली बनने की दर रोकते हैं। इस टेक्नोलोजी द्वारा बना लेंस एक कोमल-नोक पिचकारी से अति सूक्ष्म छिद्र (3 मिमी.) द्वारा लगाया जा सकता है तथा उत्तम तरीके से ऑंख में केन्द्रित रहता है।

दूसरी व तीसरी पीढ़ी के लेंसों के लाभ

  • यह कान्ट्रास्ट सूक्ष्म चेतना को बढ़ाते हैं।
  • यह दृष्टि कार्य की तीक्षणता को बढ़ाते हैं।
  • यह उत्तम दृष्टि कम रोशनी में भी देते हैं।
  • अति सूक्ष्म छिद्र (3 मिमी.) द्वारा लगाया जा सकते हैं।
  • आपरेशन में न तो कोई सुई लगाती है, न टाँका।
  • यह लेंस कैप्सूल में झिल्ली बनने की दर को कम करते हैं।
  • ऑंखों की एबेरेशन में कमी करते हैं।
  • उत्तम तरीके से ऑंख में केन्द्रित रहते हैं।

मल्टी-फोकल लेंस

मल्टी फोकल इन्ट्रा-ऑकुलर लेंस (IOLs) इंट्रा-ऑकुलर लेंस की एक अन्य प्रकार जिसे अभी जल्दी ही विकसित किया गया है वह मल्टी फोकल है। इस प्रकार के इन्ट्राआकुलस लेन्स से मरीज दूर की तथा साथ ही साथ ही (जैसे पढ़ना-लिखना) वस्तुओं को देखने में सक्षम होता है। इस प्रकार के लेन्स प्रोग्रेसिव शीशे की तरह कार्य करते हैं जिससे ज्यादातर चश्में पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। इन लेन्सों को लगाने से पहले अनेक आवश्यक जाँच की जाती है। अगर आप मल्टी-फोकल लेन्स लगवाने के इच्छुक है तब आप इस बारे में डाक्टर से बात करें ताकि वह आपकी ऑंखों की आवश्यक जाँच कर लें।

ए-स्फेरिक, चौकारे किनारे वाले (स्क्वायर ऐज) और मल्टी फोकल (अनेक फोकस दूरी) वाले, इन्ट्रा-ऑकुलर लेन्स कुछ बड़ी लेन्स निर्माता कम्पनी द्वारा बनाये जाते हैं, जैसे एल्कान, ए.एम.ओ. और बॉश एवं लम्बा (यू.एस.ए.) एक्रीटेक (जर्मनी), रेयनर (यू.के.) और आई.ओ.सी. एवं बायोटेक (भारत)

आप की ऑंख में लगाने के लिए यह सभी तरह के लेन्स इस अस्पताल में उपलब्ध है। आप अपने बजट (खर्च) के अनुसार अपना लेन्स चुन सकते हैं।

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